मध्यप्रदेश अन्य राज्यों के लिए भी उदाहरण बने, इसके लिए जन-प्रतिनिधि भी सक्रिय हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पदभार संभालने के पहले सप्ताह में ही महिला छात्रावासों, कंट्रोल रूम, भोजन शालाओं और क्वारेंटाइन की व्यवस्थाओं को स्वयं जाकर देखा और कार्य कर रही टीम का मनोबल बढ़ाया। अन्य निर्वाचित जन-प्रतिनिधि भी निरंतर कोराना नियंत्रण के लिये कार्य कर रहे हैं। दतिया में पूर्व मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने लोगों को स्वच्छता और परस्पर दूरी बनाए रखने के महत्व से अवगत करवाया। सागर में श्री शैलेंद्र जैन सैनिटाइजर के महत्व से लोगों को परिचित करवा रहे हैं। इंदौर, होशंगाबाद, खंडवा, अलीराजपुर, मंडला और सीधी जिलों से भी जन-प्रतिनिधियों द्वारा ऐसी पहल किये जाने के सुखद समाचार प्राप्त हो रहे हैं। ग्वालियर और चंबल क्षेत्र में भी आमजन जागरूक होकर कोरोना संक्रमण का मुकाबला कर रहे हैं। शासन-प्रशासन को सहयोग देने की इस भावना से प्रदेश में शीघ्र ही कोरोना वायरस के नियंत्रण के कार्य में कामयाबी मिल जाएगी।
आज विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं ने कोरोना से निपटने के लिये किए जा रहे कार्यों की जानकारी प्रदान की है। इसमें जन अभियान परिषद के कार्यकर्ता, गायत्री परिवार और सेवा भारती के स्वयंसेवक भी शामिल हैं। ये प्रयास न सिर्फ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा दिन-रात किए जा रहे परिश्रम को सार्थक बनाएंगे बल्कि कोराना रोग नियंत्रण और नागरिकों के जीवन की रक्षा के अहम कार्य में भी जनभागीदारी का नया इतिहास लिखेंगे।